आजकल जब कोई नया स्मार्टफोन आता है, तो लोग सबसे पहले ये देखते हैं कि उसका कैमरा कैसा है। फोटो और वीडियो की क्वालिटी ही बहुत बार ये तय करती है कि फोन खरीदा जाए या नहीं। हाल ही में लॉन्च हुए दो धाकड़ फोन – Vivo X200 Ultra और Samsung S25 Ultra – कैमरे को लेकर ज़बरदस्त चर्चा में हैं। अब सवाल ये है कि इन दोनों में कौन सा फोन असली कैमरा किंग है? चलिए इस पूरे ब्लॉग में आसान भाषा में जानते हैं।
कैमरा स्पेसिफिकेशन का फर्क
अगर हम सिर्फ नंबर देखें तो Samsung S25 Ultra में 200 मेगापिक्सल का मेन कैमरा दिया गया है, वहीं Vivo X200 Ultra में 50 मेगापिक्सल का। लेकिन सिर्फ मेगापिक्सल से ही पूरी कहानी नहीं समझी जा सकती।
Samsung में मेन कैमरा 24mm फोकल लेंथ के साथ आता है, जिससे ज़्यादा चौड़ी फोटो ली जा सकती है। वहीं Vivo का 50MP कैमरा 35mm फोकल लेंथ के साथ थोड़ा ज़ूम इन फील देता है।
दोनों में 50MP का अल्ट्रा-वाइड कैमरा है, लेकिन Vivo का सेंसर साइज़ थोड़ा बड़ा है जिससे लो-लाइट में हल्का फायदा मिलता है।
Samsung में 10x ऑप्टिकल ज़ूम वाला 50MP टेलीफोटो लेंस है, जिससे दूर की चीज़ों को क्लियर क्लिक किया जा सकता है। Vivo में ऐसा कोई अलग टेलीफोटो लेंस नहीं है, वह ज़ूम के लिए पेरिस्कोप कैमरे का इस्तेमाल करता है।
अगर बात करें सेल्फी कैमरे की, तो यहां Vivo ज़्यादा भारी है। Vivo X200 Ultra में 50MP का फ्रंट कैमरा है जबकि Samsung में सिर्फ 12MP का।
वीडियो क्वालिटी में किसका जलवा?
जब हमने दोनों फोन्स से आउटडोर यानी धूप में वीडियो रिकॉर्डिंग की, तो दोनों ने 4K 60fps पर शूट किया।
Samsung की स्टेबलाइजेशन बहुत ही स्मूद दिखी। तेज़ धूप में भी बैकग्राउंड क्लियर रहा और कोई खास ओवरएक्सपोज़ नहीं हुआ। वहीं Vivo की इमेज क्वालिटी ज़्यादा ब्राइट और वाइब्रेंट लगी, लेकिन चलते वक़्त वीडियो थोड़ी हिलती दिखी।
Samsung का टोन थोड़ा कूल यानी ठंडा रंगों वाला लगता है, जबकि Vivo में गर्म यानी थोड़े पीले और लाल टोन का इस्तेमाल किया गया है। ये पूरी तरह आपकी पसंद पर है कि कौन सा लुक आपको ज़्यादा अच्छा लगता है।
लो-लाइट या रात के समय Vivo का कैमरा बाज़ी मार लेता है। डिटेल्स साफ दिखती हैं, और फोटो में नॉइज़ यानी दाने कम नज़र आते हैं। Samsung थोड़ा पीछे रह जाता है यहां।
फोटो क्वालिटी और कलर ट्यूनिंग में फर्क
अगर HDR यानी हाई डायनामिक रेंज की बात करें, तो Vivo का कैमरा शैडो और ब्राइट एरिया का बैलेंस बेहतर तरीके से संभालता है। मतलब अगर आप किसी ऐसी जगह फोटो ले रहे हैं जहां एक तरफ तेज़ रोशनी है और दूसरी तरफ अंधेरा, तो Vivo हर डिटेल को अच्छे से दिखा देता है।
Samsung की फोटो टोन कूल यानी नीली साइड में होती है, जबकि Vivo की वॉर्म टोन वाली होती हैं। किसी को Samsung की साफ-सुथरी, ठंडी फील पसंद आएगी, तो कोई Vivo की वाइब्रेंट, गर्म तस्वीरों को ज़्यादा पसंद करेगा।
फील्ड ऑफ व्यू और पोर्ट्रेट फोटोग्राफी
Samsung का मेन कैमरा 24mm फील्ड ऑफ व्यू देता है, जिससे बड़ी जगह को कवर करना आसान होता है। जैसे किसी झील या मैदान की फोटो। जबकि Vivo का 35mm लेंस थोड़ी क्लोज़ फील देता है, जिससे पोर्ट्रेट या क्लोज़ शॉट्स ज़्यादा अच्छे आते हैं।
पोर्ट्रेट मोड में Vivo का रिज़ल्ट ज़्यादा नैचुरल दिखा। बालों की डिटेलिंग, चेहरे की बाउंड्री – सब कुछ साफ और साफ-सुथरा। Samsung में कभी-कभी बॉर्डर थोड़े ब्लर हो जाते हैं, लेकिन स्किन टोन का बैलेंस बहुत बढ़िया रहता है।
आखिर किसे चुनें – Vivo या Samsung?
देखा जाए तो दोनों फोन्स कैमरा के मामले में टॉप क्लास हैं। लेकिन आपकी जरूरत क्या है, उसी पर डिपेंड करता है कि आपको कौन सा लेना चाहिए।
अगर आपको शानदार लो-लाइट फोटोग्राफी चाहिए, HDR वाली ब्राइट फोटो पसंद है, और सेल्फी में डिटेल चाहिए तो Vivo X200 Ultra आपके लिए परफेक्ट रहेगा।
अगर आप दिन में ज़्यादा वीडियो शूट करते हैं, स्टेबल फुटेज और ठंडी टोन वाली प्रोफेशनल फोटो पसंद करते हैं, तो Samsung S25 Ultra आपको निराश नहीं करेगा।
कैमरा टेक्नोलॉजी आज इतनी एडवांस हो गई है कि अब हर फोन अपनी अलग ताकत के साथ आता है। आपकी पसंद, आपके फोटो खींचने के तरीके और आपकी ज़रूरतें तय करेंगी कि आपके लिए कौन सा फोन सही रहेगा।
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