आज के दौर में मोबाइल कैमरा सिर्फ फोटो खींचने का जरिया नहीं रह गया है, बल्कि ये कंपनियों के बीच का सबसे बड़ा मुकाबला बन चुका है। हर कोई चाहता है कि उसके फोन में सबसे शानदार कैमरा हो, जो हर पल को बिल्कुल प्रोफेशनल कैमरे जैसी क्वालिटी में कैद कर सके। इसी वजह से Vivo, Xiaomi, iPhone और Samsung जैसी बड़ी कंपनियाँ अपने-अपने फ्लैगशिप फोन में बेस्ट कैमरा देने की होड़ में लगी हैं।
अगर आप फोटोग्राफी के शौकीन हैं या बस हर याद को अच्छे से कैद करना पसंद करते हैं, तो ये कंपैरिजन आपके बहुत काम का है। यहाँ हम Vivo X200 Pro, Xiaomi 15 Ultra, iPhone 16 Pro Max और Samsung Galaxy S25 Ultra की कैमरा परफॉर्मेंस का पूरा विश्लेषण करेंगे – वो भी आसान भाषा में।
सिर्फ नंबर नहीं, फर्क क्वालिटी से पड़ता है
फोन खरीदते वक्त हम अकसर मेगापिक्सल की संख्या देखकर तय करते हैं कि कैमरा कैसा होगा। लेकिन सिर्फ मेगापिक्सल से पूरा सच सामने नहीं आता। असली फर्क कैमरे के सेंसर साइज और उसकी प्रोसेसिंग से पड़ता है।
Xiaomi 15 Ultra में 200 मेगापिक्सल का कैमरा है, जो Leica के साथ मिलकर बनाया गया है। इसके साथ 50-50 मेगापिक्सल के तीन और कैमरे हैं – एक अल्ट्रा-वाइड और दो टेलीफोटो। वहीं Vivo, Samsung और iPhone के कैमरे थोड़े कम मेगापिक्सल के हैं, लेकिन उनके सेंसर बड़े हैं जिससे कम रोशनी में भी अच्छी फोटो आती है।
मतलब ये कि नंबर देखकर धोखा मत खाइए, कैमरे का रियल खेल तो सेंसर साइज और सॉफ्टवेयर परफॉर्मेंस से तय होता है।
दूर की चीज़ें भी पास जैसी दिखें
आजकल फ्लैगशिप फोन में इतने अच्छे टेलीफोटो लेंस होते हैं कि आप बहुत दूर की फोटो भी बिना क्वालिटी खोए खींच सकते हैं।
Xiaomi 15 Ultra में 4.3x का ऑप्टिकल ज़ूम है, जो डिटेल के मामले में कमाल का है। Samsung S25 Ultra 5x ऑप्टिकल ज़ूम और 30x तक का “स्पेस ज़ूम” देता है। Vivo X200 Pro में 3.7x ज़ूम और 10x हाइब्रिड ज़ूम है। iPhone 16 Pro Max में 5x ज़ूम है, लेकिन इसकी ताकत इसके शानदार सॉफ्टवेयर में है जो फोटो को और भी सुंदर बना देता है।
हमारे टेस्ट में Xiaomi का ज़ूम सबसे डिटेल और क्लियर था। लेकिन Samsung और Vivo भी कम नहीं थे। iPhone ज़रूर थोड़ा पीछे लगा, पर उसकी प्रोसेसिंग इतनी दमदार है कि वो अपने हार्डवेयर से ज्यादा अच्छा रिजल्ट दे देता है।
रात को भी दिन जैसा दिखे
कम रोशनी में अच्छी फोटो लेना हमेशा से एक चुनौती रहा है। लेकिन अब के फ्लैगशिप फोन इस फील्ड में भी काफी आगे निकल चुके हैं।
Xiaomi 15 Ultra अपने बड़े सेंसर और जबरदस्त प्रोसेसिंग की मदद से रात में भी बहुत क्लियर और शार्प फोटो खींचता है। Samsung और Vivo ने भी इस मामले में जबरदस्त काम किया है। खासतौर पर Vivo का नाइट मोड और डिटेलिंग बहुत इंप्रेसिव लगी।
iPhone 16 Pro Max का सेंसर बाकी से थोड़ा छोटा जरूर है, लेकिन इसकी प्रोसेसिंग इतनी जबरदस्त है कि फोटो बहुत नैचुरल और सही लाइट में आती हैं।
हाँ, एक बात गौर करने वाली है – Vivo और Xiaomi में ज्यादा देर तक नाइट शूट करते वक्त थोड़ी गर्मी (overheating) महसूस हुई, जो थोड़ा परेशान कर सकता है।
फोटो में आर्टिस्टिक टच
आजकल हर कोई चाहता है कि उसकी फोटो DSLR जैसी लगे, जिसमें बैकग्राउंड हल्का धुंधला हो और चेहरा एकदम शार्प दिखे। इसीलिए पोर्ट्रेट मोड अब बहुत जरूरी हो गया है।
Vivo X200 Pro इस मामले में सबसे आगे है। इसकी बोकेह इफेक्ट एकदम क्रीम जैसी स्मूथ लगती है और एज डिटेक्शन भी बहुत बढ़िया है। Samsung S25 Ultra की पोर्ट्रेट फोटो में स्किन टोन और डिटेल भी बहुत नैचुरल आती है।
Xiaomi की पोर्ट्रेट क्वालिटी अच्छी है, लेकिन कई बार एज डिटेक्शन में थोड़ी गड़बड़ी हो जाती है। iPhone हमेशा की तरह बैलेंस्ड और प्रोफेशनल टच के साथ शानदार पोर्ट्रेट देता है।
लेकिन कुल मिलाकर Vivo और Samsung की पोर्ट्रेट क्वालिटी सबसे ज़्यादा आकर्षक लगी।
चलती चीज़ों को भी परफेक्ट कैप्चर करना
वीडियो रिकॉर्डिंग आज सिर्फ शौक नहीं, एक जरिया बन चुका है खुद को सोशल मीडिया पर दिखाने का। ऐसे में कैमरे का वीडियो परफॉर्मेंस बहुत मायने रखता है।
iPhone 16 Pro Max वीडियो के मामले में अब भी सब पर भारी है। इसकी स्टेबिलिटी, कलर बैलेंस और लाइट हैंडलिंग एकदम प्रोफेशनल लगती है। Samsung S25 Ultra भी बढ़िया वीडियो क्वालिटी और स्टेबिलाइजेशन देता है। Xiaomi 15 Ultra 8K तक वीडियो रिकॉर्ड कर सकता है, जो टेक्निकली बहुत एडवांस है।
Vivo का वीडियो अच्छा है, लेकिन बाकी तीनों के मुकाबले थोड़ा पीछे रह जाता है।
iPhone की खासियत ये है कि इसका हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों इतना अच्छे से जुड़े होते हैं कि वीडियो का रिजल्ट बहुत स्मूद और प्रीमियम लगता है।
सिर्फ हार्डवेयर नहीं, सॉफ्टवेयर भी मायने रखता है
स्मार्टफोन कैमरा अब हार्डवेयर तक सीमित नहीं रह गया है। आज की असली ताकत होती है कैमरे के पीछे का सॉफ्टवेयर – यानी कंप्यूटेशनल फोटोग्राफी।
iPhone इस मामले में हमेशा से लीडर रहा है। इसकी फोटो नैचुरल, डिटेल्ड और कलर बैलेंस वाली होती हैं। Samsung और Xiaomi भी AI और मशीन लर्निंग से फोटो को काफी बेहतरीन बनाते हैं।
Vivo का सॉफ्टवेयर थोड़ा कम पावरफुल जरूर है, लेकिन इसका Zeiss के साथ पार्टनरशिप ने पोर्ट्रेट और नाइट मोड में बहुत सुधार किया है।
आखिरकार, एक अच्छा कैमरा सिर्फ लेंस और सेंसर से नहीं, उसके प्रोसेसिंग ब्रेन से भी बनता है। और यहीं सॉफ्टवेयर बाज़ी पलट देता है।
आपके लिए सबसे सही कैमरा कौन सा है?
अब बात करते हैं नतीजे की – यानी कौन सा फोन है जो आपके लिए बेस्ट हो सकता है।
अगर आपको बहुत ज़्यादा डिटेल और ज़ूम में इंटरस्ट है, तो Xiaomi 15 Ultra आपके लिए परफेक्ट है। इसका 200MP कैमरा और शानदार ज़ूम आपको किसी भी सीन को पास से देखने की ताकत देता है।
Samsung Galaxy S25 Ultra हर मामले में बैलेंस्ड है – पोर्ट्रेट, कलर, वीडियो – सब कुछ अच्छा करता है। अगर आप नैचुरल और प्रोफेशनल फोटो के शौकीन हैं, तो ये बढ़िया ऑप्शन है।
Vivo X200 Pro उन लोगों के लिए है जो क्रिएटिविटी को तवज्जो देते हैं – शानदार पोर्ट्रेट, शानदार नाइट शॉट्स, और ब्यूटीफुल बोकेह। अगर आप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं, तो ये कैमरा आपको बहुत पसंद आएगा।
iPhone 16 Pro Max उन लोगों के लिए है जो एक स्मूद और भरोसेमंद एक्सपीरियंस चाहते हैं। चाहे फोटो हो या वीडियो, इसकी क्वालिटी हमेशा प्रोफेशनल और यूजर-फ्रेंडली होती है।
आखिर में, बेस्ट कैमरा वही है जो आपकी जरूरतों को पूरा करे। आप एक फोटोग्राफर हों, कंटेंट क्रिएटर हों या सिर्फ यादों को कैद करने वाले – आज के इन फ्लैगशिप फोन कैमरों में हर किसी के लिए कुछ न कुछ खास है।